कुछ और सुझाव—क
बाइबल से कोई बात कैसे बताऊँ?
यीशु ने कहा था कि जब अच्छा मन रखनेवाले लोग संदेश सुनेंगे तो वे पहचान लेंगे कि यही सच्चाई है। (यूह. 10:4,27) इसलिए लोगों से बात करते वक्त हमें बाइबल से कोई ऐसी बात बतानी चाहिए जो उन्हें आसानी से समझ आ सके। बाइबल की कोई बात बताने से पहले आप कुछ ऐसा कह सकते हैं: “क्या आप जानते हैं . . . ?” या “आपको पता है . . . ?” इसके बाद आप विषय से जुड़ी आयत बता सकते हैं और उसे समझा सकते हैं। बाइबल से कोई आसान-सी बात बताकर हम एक व्यक्ति के दिल में सच्चाई का बीज बो सकते हैं और परमेश्वर उस बीज को बढ़ा सकता है!—1 कुरिं. 3:6, 7.
आनेवाला कल
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1. दुनिया में जो कुछ हो रहा है, उससे पता चलता है कि बहुत जल्द हालात बदलनेवाले हैं।—मत्ती 24:3, 7, 8; लूका 21:10, 11; 2 तीमु. 3:1-5.
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2. यह धरती कभी खत्म नहीं होगी, हमेशा तक रहेगी।—भज. 104:5; सभो. 1:4.
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3. एक वक्त आएगा जब प्रदूषण नहीं होगा और पूरी धरती सुंदर हो जाएगी।—यशा. 35:1, 2; प्रका. 11:18.
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4. एक ऐसा वक्त आएगा जब सभी की सेहत अच्छी होगी।—यशा. 33:24; 35:5, 6.
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5. आप धरती पर हमेशा-हमेशा के लिए जी सकते हैं।—भज. 37:29; मत्ती 5:5.
परिवार
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6. पति को अपनी पत्नी से ‘वैसे ही प्यार करना चाहिए जैसे वह अपने आप से करता है।’—इफि. 5:33; कुलु. 3:19.
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7. एक पत्नी को अपने पति का गहरा आदर करना चाहिए।—इफि. 5:33; कुलु. 3:18.
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8. पति-पत्नी को एक-दूसरे के वफादार रहना चाहिए।—मला. 2:16; मत्ती 19:4-6, 9; इब्रा. 13:4.
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9. जब बच्चे माता-पिता का आदर करेंगे और उनका कहना मानेंगे तो उन्हें हमेशा फायदा होगा।—नीति. 1:8, 9; इफि. 6:1-3.
ईश्वर
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10. ईश्वर का एक नाम है।—भज. 83:18; यिर्म. 10:10.
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11. ईश्वर ने अपनी बातें एक किताब में लिखवायी हैं।—2 तीमु. 3:16, 17; 2 पत. 1:20, 21.
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12. ईश्वर भेदभाव नहीं करता।—व्यव. 10:17; प्रेषि. 10:34, 35.
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13. ईश्वर को हमारी परवाह है, वह हमारी मदद करना चाहता है।—भज. 46:1; 145:18, 19.
प्रार्थना
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14. परमेश्वर चाहता है कि हम प्रार्थना करें, उससे बात करें।—भज. 62:8; 65:2; 1 पत. 5:7.
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15. बाइबल में बताया गया है कि हमें कैसे प्रार्थना करनी चाहिए।—मत्ती 6:7-13; लूका 11:1-4.
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16. हमें कभी-कभी नहीं, हमेशा प्रार्थना करनी चाहिए।—मत्ती 7:7, 8; 1 थिस्स. 5:17.
यीशु
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17. यीशु कई साल पहले जीया था, उसने बहुत अच्छी बातें सिखायीं जो आज भी बहुत काम आती हैं।—मत्ती 6:14, 15, 34; 7:12.
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18. आज दुनिया में जो हो रहा है, उस बारे में यीशु ने पहले से बता दिया था।—मत्ती 24:3, 7, 8, 14; लूका 21:10, 11.
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19. यीशु परमेश्वर का बेटा है।—मत्ती 16:16; यूह. 3:16; 1 यूह. 4:15.
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20. यीशु परमेश्वर नहीं है।—यूह. 14:28; 1 कुरिं. 11:3.
परमेश्वर का राज
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21. परमेश्वर की एक सरकार है जो स्वर्ग में है।—दानि. 2:44; 7:13, 14; मत्ती 6:9, 10; प्रका. 11:15.
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22. परमेश्वर की सरकार इंसान की सरकारों को हटा देगी।—भज. 2:7-9; दानि. 2:44.
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23. परमेश्वर की सरकार ही हमारी समस्याओं को ठीक कर सकती है।—भज. 37:10, 11; 46:9; यशा. 65:21-23.
तकलीफें
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24. ईश्वर हम पर तकलीफें नहीं लाता।—व्यव. 32:4; याकू. 1:13.
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25. दुनिया को ईश्वर नहीं, शैतान चला रहा है।—लूका 4:5, 6; 1 यूह. 5:19.
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26. ईश्वर आपकी तकलीफें जानता है और उसे आपकी परवाह है।—भज. 34:17-19; यशा. 41:10, 13.
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27. ईश्वर जल्द ही सभी दुख-दर्द दूर कर देगा।—यशा. 65:17; प्रका. 21:3, 4.
मौत
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28. जो मर गए हैं, वे कुछ महसूस नहीं कर सकते, वे कहीं तड़प नहीं रहे।—सभो. 9:5; यूह. 11:11-14.
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29. जो मर गए हैं, वे कुछ नहीं कर सकते, न हमारी मदद कर सकते हैं न ही हमें कोई नुकसान पहुँचा सकते हैं।—भज. 146:4; सभो. 9:6, 10.
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30. हमारे अपने जो मर गए हैं, उन्हें दोबारा ज़िंदा किया जाएगा।—अय्यू. 14:13-15; यूह. 5:28, 29; प्रेषि. 24:15.
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31. मौत को हमेशा के लिए मिटा दिया जाएगा।—प्रका. 21:3, 4; यशा. 25:8.
उपासना
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32. ईश्वर हर किसी की उपासना स्वीकार नहीं करता।—यिर्म. 7:11; मत्ती 7:13, 14, 21-23.
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33. ईश्वर को ऐसे लोग पसंद नहीं जो कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं।—यशा. 29:13; मीका 3:11; मर. 7:6-8.
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34. सच्चा धर्म माननेवाले सच में एक-दूसरे से प्यार करते हैं।—मीका 4:3; यूह. 13:34, 35.