प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण जुलाई 2015
इस अंक में 31 अगस्त से 27 सितंबर, 2015 के अध्ययन लेख दिए गए हैं।
उन्होंने खुशी-खुशी खुद को पेश किया—रूस में
उन अविवाहित लोगों और शादीशुदा जोड़ों के बारे में पढ़िए जो रूस में सेवा करने गए जहाँ प्रचारकों का ज़्यादा ज़रूरत है। उन्होंने यहोवा पर और ज़्यादा भरोसा करना सीखा है!
शांति-भरे अनोखे माहौल को बेहतर बनाने में मेहनत कीजिए
आज सच्ची उपासना का गढ़ क्या है? परमेश्वर के लोग किस फिरदौस का आनंद लेते हैं? पौलुस ने दर्शन में जो “फिरदौस” देखा वह क्या है?
‘विपत्ति के दिनों’ में यहोवा की सेवा करना
आप कैसे मज़बूत विश्वास और यहोवा की सेवा में जोश बनाए रख सकते हैं? पुराने ज़माने के परमेश्वर के उन वफादार बुज़ुर्ग सेवकों पर गौर कीजिए जिन्होंने खुशी-खुशी उसकी सेवा की।
“तुम्हारे छुटकारे का वक्त पास आ रहा होगा”!
महा-संकट शुरू होने के बाद क्या ज़बरदस्त संदेश सुनाया जाएगा? उस दौरान अभिषिक्त मसीहियों के साथ क्या होगा?
क्या यह मायने रखता है कि आपके काम पर कौन ध्यान देता है?
बसलेल और ओहोलीआब के उदाहरण से हम यह अहम सच्चाई समझ सकते हैं: भले ही हमारा काम कोई और न देखे मगर यहोवा देखता है।
परमेश्वर के राज के वफादार बने रहिए
यहोवा और उसके राज के वफादार रहने के लिए मसीही कैसे खुद को ढाल सकते हैं?
हमारी उपासना की जगह
हम अपनी उपासना की जगह के लिए कैसे आदर दिखा सकते हैं? राज-घर का निर्माण और उसके राख-रखाव का खर्च कैसे उठाया जाता है?
क्या आप जानते थे?
बाइबल बताती है कि वादा किए गए देश के कुछ हिस्सों में जंगल थे। लेकिन आज उसकी हालत देखकर क्या वाकई ऐसा लगता है?