भजन 86:1-17
दाविद की प्रार्थना।
86 हे यहोवा, मेरी तरफ कान लगा* और मुझे जवाब दे,क्योंकि मैं सताया हुआ और गरीब हूँ।+
2 मेरी जान की हिफाज़त कर क्योंकि मैं वफादार हूँ।+
अपने सेवक को बचा ले जो तुझ पर भरोसा रखता है,क्योंकि तू मेरा परमेश्वर है।+
3 हे यहोवा, मुझ पर कृपा कर,+मैं सारा दिन तुझे पुकारता रहता हूँ।+
4 अपने सेवक को खुशियाँ दे,क्योंकि हे यहोवा, मैं तेरी ओर रुख करता हूँ।
5 हे यहोवा, तू भला है+ और माफ करने को तत्पर रहता है,+तू उन सबके लिए अटल प्यार से भरपूर है जो तुझे पुकारते हैं।+
6 हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन,मेरी मदद की पुकार पर ध्यान दे।+
7 संकट के दिन मैं तुझे पुकारता हूँ,+क्योंकि मुझे पूरा यकीन है कि तू जवाब देगा।+
8 हे यहोवा, ईश्वरों में तेरे समान कोई नहीं,+तूने जो काम किए हैं वे बेमिसाल हैं।+
9 हे यहोवा, सब राष्ट्र, जो तेरे हाथ की रचना हैं,तेरे पास आएँगे और तेरे सामने दंडवत करेंगे,+तेरे नाम की महिमा करेंगे।+
10 क्योंकि तू महान है और आश्चर्य के काम करता है,+तू ही अकेला परमेश्वर है।+
11 हे यहोवा, मुझे अपनी राह के बारे में सिखा।+
मैं तेरी सच्चाई की राह पर चलूँगा।+
मेरे मन को एक कर* कि मैं तेरे नाम का डर मानूँ।+
12 हे यहोवा, मेरे परमेश्वर, मैं पूरे दिल से+ तेरी तारीफ करता हूँऔर सदा तक तेरे नाम की महिमा करूँगा।
13 क्योंकि मेरे लिए तेरा अटल प्यार महान है,तूने मुझे कब्र की गहराइयों में जाने से बचाया है।+
14 हे परमेश्वर, गुस्ताख लोग मेरे खिलाफ खड़े हुए हैं,+बेरहम आदमियों की टोली मेरी जान के पीछे पड़ी है,वे तेरी बिलकुल कदर नहीं करते।*+
15 मगर हे यहोवा, तू दयालु और करुणा करनेवाला परमेश्वर है,तू क्रोध करने में धीमा, अटल प्यार से भरपूर और विश्वासयोग्य* है।+
16 मुझ पर ध्यान दे और कृपा कर।+
अपने सेवक को ताकत दे,+अपनी दासी के बेटे को बचा ले।
17 मुझे अपनी भलाई का चिन्ह दिखा*ताकि मुझसे नफरत करनेवाले यह देखकर शर्मिंदा हो जाएँ।
क्योंकि हे यहोवा, तू मेरा मददगार है और मुझे दिलासा देनेवाला है।
कई फुटनोट
^ या “झुककर मेरी सुन।”
^ या “मुझे ऐसा दिल दे जो बँटा हुआ न हो।”
^ या “उन्होंने तुझे अपने सामने नहीं रखा।”
^ या “सच्चा।”
^ या “सबूत दे।”