मत्ती के मुताबिक खुशखबरी 11:1-30
कई फुटनोट
अध्ययन नोट
दूसरे शहरों: ज़ाहिर है कि यहाँ उस प्रदेश (यानी गलील) के यहूदी शहरों की बात की गयी है।
सिखाने और प्रचार करने: मत 4:23 का अध्ययन नोट देखें।
मसीह: यूनानी में यहाँ उपाधि “मसीह” (मतलब, “अभिषिक्त जन”) से पहले निश्चित उपपद लिखा है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि यह ज़ाहिर हो कि यीशु ही वादा किया गया मसीहा है, जिसे खास काम के लिए अभिषिक्त किया गया है।—मत 1:1; 2:4 के अध्ययन नोट देखें।
जो आनेवाला था: यानी मसीहा।—भज 118:26; मत 3:11; 21:9; 23:39.
कोढ़ी: मत 8:2 का अध्ययन नोट और शब्दावली में “कोढ़; कोढ़ी” देखें।
देख!: मत 1:23 का अध्ययन नोट देखें।
सच: मत 5:18 का अध्ययन नोट देखें।
बपतिस्मा देनेवाले: या “डुबकी लगवानेवाले।”—मत 3:1 का अध्ययन नोट देखें।
लक्ष्य . . . जिसे पाने के लिए लोग ज़ोर लगा रहे हैं . . . पूरी कोशिश कर रहे हैं: यहाँ दो यूनानी शब्द इस्तेमाल हुए हैं जो एक-दूसरे से जुड़े हैं। इनका बुनियादी मतलब है, जी-जान लगाकर काम करना या अपना भरसक करना। बाइबल के कुछ अनुवादकों ने इन शब्दों को अलग तरीके से समझा है (यानी लोग हिंसा कर रहे हैं या हिंसा झेल रहे हैं)। मगर इस आयत के संदर्भ से और लूक 16:16 (यह सिर्फ ऐसी दूसरी आयत है जहाँ यही यूनानी क्रिया इस्तेमाल हुई है) से पता चलता है कि इन शब्दों का मतलब है, “जोश के साथ किसी चीज़ के पीछे जाना; उत्साह से कुछ पाने की कोशिश करना।” ज़ाहिर है कि इन शब्दों से पता चलता है कि जिन लोगों ने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का संदेश सुना, उन्होंने बदलाव करने के लिए जी-जान से मेहनत की या अपना भरसक किया। इसलिए उन्हें राज के वारिस बनने की आशा मिली।
भविष्यवक्ताओं और कानून: आम तौर पर इन दोनों में से “कानून” पहले लिखा जाता है (मत 5:17; 7:12; 22:40; लूक 16:16), लेकिन सिर्फ इस आयत में “भविष्यवक्ताओं” पहले लिखा गया है। चाहे किसी को भी पहले लिखा गया हो, मतलब लगभग एक है। (मत 5:17 का अध्ययन नोट देखें।) मगर ऐसा लगता है कि यहाँ भविष्यवाणी के पहलू पर ज़्यादा ज़ोर दिया गया है। इसके अलावा, यह आयत कहती है कि कानून ने भविष्यवाणी की, जो दिखाता है कि इसमें लिखी बातें दरअसल भविष्यवाणियाँ हैं।
एलियाह: एक इब्रानी नाम जिसका मतलब है, “मेरा परमेश्वर यहोवा है।”
दुख के मारे छाती . . . पीटी: एक इंसान जब बार-बार अपनी छाती पीटता है तो इससे ज़ाहिर होता है कि उसका गम बरदाश्त से बाहर है, या वह बहुत दोषी महसूस कर रहा है, या बहुत पछता रहा है।—यश 32:12; नहू 2:7; लूक 23:48.
खाता-पीता नहीं आया: ज़ाहिर है कि यहाँ यूहन्ना की ज़िंदगी की बात की गयी है कि वह कैसे खुद को कई चीज़ों से दूर रखता था। वह उपवास करता था और शराब नहीं पीता था, जैसे नाज़ीरों से माँग की जाती थी।—गि 6:2-4; मत 9:14, 15; लूक 1:15; 7:33.
इंसान का बेटा: मत 8:20 का अध्ययन नोट देखें।
कर-वसूलनेवालों: मत 5:46 का अध्ययन नोट देखें।
कफरनहूम: मत 4:13 का अध्ययन नोट देखें।
आकाश: एक रूपक अलंकार जिसका मतलब है, बहुत ऊँचा दर्जा।
कब्र: या “हेडीज़” यानी एक लाक्षणिक जगह, जहाँ ज़्यादातर इंसान मौत की नींद सो जाते हैं। (शब्दावली देखें।) मगर यहाँ “कब्र” का मतलब है कि कफरनहूम को ऊँचे दर्जे से नीचे गिरा दिया जाएगा।
तेरे: ज़ाहिर है कि यहाँ शहर की बात की गयी है।
नन्हे-मुन्नों पर: या “बच्चों जैसा स्वभाव रखनेवाले लोगों पर,” यानी जो नम्र थे और सीखने के लिए तैयार थे।
बोझ से दबे: यीशु ने जिन लोगों को अपने पास आने का बुलावा दिया वे जीवन की चिंताओं और काम के “बोझ से दबे” हुए थे। यहोवा की उपासना भी उनके लिए बोझ बन गयी थी क्योंकि मूसा के कानून में इंसानों की बनायी परंपराएँ जोड़ दी गयी थीं। (मत 23:4) यहाँ तक कि सब्त का दिन मनाना भी एक बोझ बन गया था, जबकि उन्हें इससे ताज़गी मिलनी चाहिए थी।—निर्ग 23:12; मर 2:23-28; लूक 6:1-11.
मैं तुम्हें तरो-ताज़ा करूँगा: “तरो-ताज़ा” के यूनानी शब्द का मतलब हो सकता है, आराम (मत 26:45; मर 6:31) या राहत जिससे शरीर को फिर से ताकत मिलती है (2कुर 7:13; फिले 7)। संदर्भ से पता चलता है कि यीशु का “जुआ” उठाने (मत 11:29) में काम करना शामिल है, न कि आराम करना। इसलिए यहाँ यीशु कह रहा था कि वह थके-हारे लोगों में दोबारा ताज़गी और दम भर देगा ताकि वे खुशी-खुशी उसका जुआ उठा सकें, जो हलका और आसान है।
मेरा जुआ उठाओ: यीशु ने यहाँ शब्द “जुआ” लाक्षणिक तौर पर इस्तेमाल किया जिसे उठाने का मतलब है, अधिकार मानना और निर्देश का पालन करना। अगर यीशु के मन में दो जानवरों पर रखनेवाला जुआ था तो वह मानो कह रहा था कि यहोवा ने उस पर जो जुआ रखा है, उसमें उसके चेले उसके साथ जुत जाएँ और वह उनकी मदद करेगा। तो फिर, “मेरा जुआ उठाओ” का अनुवाद इस तरह किया जा सकता है: “मेरे साथ मेरे जुए में जुत जाओ।” लेकिन अगर उसके मन में एक जानवर पर रखा जानेवाला जुआ था तो वह मानो कह रहा था कि उसने चेलों पर जो जुआ रखा है उन्हें उसके अधीन रहना है, यानी उन्हें उसका अधिकार मानना चाहिए और उसके निर्देशों का पालन करना चाहिए।—शब्दावली में “जुआ” देखें।
कोमल स्वभाव: मत 5:5 का अध्ययन नोट देखें।
दिल से दीन: “दीन” के यूनानी शब्द का मतलब है, नम्र और सीधा-सादा। यह शब्द याकू 4:6 और 1पत 5:5 में भी आया है, जहाँ इसका अनुवाद “नम्र लोगों” किया गया है। परमेश्वर और लोगों से पेश आते वक्त एक व्यक्ति जैसा स्वभाव या रवैया दिखाता है, उससे पता चलता है कि उसका लाक्षणिक दिल कैसा है, वह दीन है या नहीं।
तसवीर और ऑडियो-वीडियो
जब यीशु ने उन लोगों की बात की जो “महलों” में (लूक 7:25) या “राजाओं के महलों” में (मत 11:8) रहते हैं, तो सुननेवालों को उन आलीशान महलों की याद आयी होगी जो हेरोदेस महान ने बनवाए थे। यहाँ तसवीर में शीत महल के एक हिस्से के खंडहर दिखाए गए हैं, जो उसने यरीहो में बनवाया था। इस महल में 95 फुट (29 मी.) लंबा और 62 फुट (19 मी.) चौड़ा खंभोंवाला एक स्वागत कक्ष था, खंभोंवाले आँगन थे जिनके चारों तरफ बहुत-से कमरे थे और एक स्नानघर था जिसमें पानी को ठंडा और गरम करने की व्यवस्था थी। वहाँ एक सीढ़ीनुमा बगीचा था जो महल से लगा हुआ था। जब यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने प्रचार करना शुरू किया था, तो उसके कई सालों पहले एक विद्रोह हुआ था, जिसमें शायद यह महल जला दिया गया था। इसे हेरोदेस के बेटे अरखिलाउस ने फिर से बनवाया था।
बाइबल के ज़माने में बाँसुरी नरकट या वच पौधे, यहाँ तक कि हड्डी या हाथी-दाँत की भी बनायी जाती थी। बाँसुरी सबसे पसंदीदा साज़ था। इसे दावतों और शादियों जैसे खुशी के मौकों पर बजाने का दस्तूर था। (1रा 1:40; यश 5:12; 30:29) इस दस्तूर की नकल करते हुए बच्चे सार्वजनिक जगहों पर बाँसुरी बजाते थे। मातम के समय भी बाँसुरी बजायी जाती थी। जब किराए पर बुलाए गए मातम मनानेवाले रोते थे तो बाँसुरी बजानेवाले दर्द-भरी धुनें बजाते थे। यहाँ तसवीर में जो बाँसुरी दिखायी गयी है वह यरूशलेम के मलबे में पायी गयी थी। बताया जाता है कि यह बाँसुरी उस समय की है जब रोमी लोगों ने मंदिर का नाश किया था। यह करीब 15 सें.मी. (6 इंच) लंबी है और मुमकिन है कि यह गाय के अगले पैर की हड्डी से बनायी गयी थी।
कुछ बाज़ार सड़क पर लगते थे, जैसे यहाँ चित्र में दिखाया गया है। दुकानदार इतना सामान लगा देते थे कि रास्ता जाम हो जाता था। आस-पास के लोग बाज़ार से घरेलू सामान, मिट्टी के बरतन, काँच की महँगी चीज़ें और ताज़ी साग-सब्ज़ियाँ भी खरीदते थे। उस ज़माने में फ्रिज नहीं होते थे, इसलिए लोगों को खाने-पीने की चीज़ें खरीदने हर दिन बाज़ार जाना होता था। बाज़ार में लोगों को व्यापारियों या दूसरी जगहों से आए लोगों से खबरें भी मिल जाती थीं, यहाँ बच्चे खेलते थे और बेरोज़गार लोग इंतज़ार करते थे कि कोई उन्हें काम दे। बाज़ार में यीशु ने बीमारों को ठीक किया और पौलुस ने लोगों को प्रचार किया। (प्रेष 17:17) लेकिन घमंडी शास्त्रियों और फरीसियों को ऐसी सार्वजनिक जगहों पर लोगों की नज़रों में छाना और उनसे नमस्कार सुनना अच्छा लगता था।
इस वीडियो में जो दृश्य दिखाया गया है वह ओफिर लुकआउट से लिया गया है जो गलील झील के उत्तर-पूर्वी किनारे पर है। जिस जगह को प्राचीन समय का कफरनहूम (1) माना जाता है, उससे करीब 3 कि.मी. (2 मील) दूरी पर ही खुराजीन (2) था। कफरनहूम में ही शायद यीशु उस वक्त रहता था जब उसने करीब दो साल गलील में बड़े पैमाने पर प्रचार किया था। प्रेषित पतरस और अन्द्रियास भी यहीं रहते थे। कर-वसूलनेवाले मत्ती का दफ्तर इसी शहर में या इसके आस-पास था। (मर 1:21, 29; 2:1, 13, 14; 3:16; लूक 4:31, 38) पतरस, अन्द्रियास और फिलिप्पुस पास के शहर बैतसैदा (3) के रहनेवाले थे। (यूह 1:44) यीशु ने बहुत-से चमत्कार इन तीन शहरों में या इनके आस-पास किए थे।—अतिरिक्त लेख क7-घ, नक्शा 3ख और क7-च, नक्शा 4 देखें।
खुराजीन और बैतसैदा नगर कफरनहूम के पास थे। (कफरनहूम वह शहर था जहाँ यीशु शायद उस वक्त रहता था जब उसने करीब दो साल गलील में बड़े पैमाने पर प्रचार किया था।) इन नगरों में रहनेवाले यहूदियों ने यीशु को ऐसे शक्तिशाली काम करते हुए देखा, जो अगर सोर और सीदोन में किए जाते तो वहाँ के मूर्तिपूजा करनेवाले लोग पश्चाताप करते। इनमें से कुछ काम थे: बैतसैदा के इलाके में यीशु ने चमत्कार करके 5,000 से ज़्यादा लोगों को खाना खिलाया और बाद में एक अंधे आदमी को ठीक किया।—मत 14:13-21; मर 8:22; लूक 9:10-17.
आम तौर पर जुआ लकड़ी का होता था और दो तरह का होता था, एक इंसान के लिए और दूसरा जानवरों के लिए। इंसान के लिए जुआ या तो एक छड़ होता था या उसे ऐसा आकार दिया जाता कि उसे कंधों पर रखा जा सके और दो सिरों से भार लटकाया जा सके। दूसरा जुआ भी एक छड़ होता था या उसे ऐसा आकार दिया जाता था कि वह दो जानवरों की गरदन पर रखा जाए ताकि वे भार खींच सकें।