सवाल 15
आप खुशी कैसे पा सकते हैं?
“जिस घर में नफरत हो वहाँ दावत उड़ाने से अच्छा है, उस घर में सादा खाना खाना जहाँ प्यार हो।”
“मैं ही तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ, जो तुझे तेरे भले के लिए सिखाता हूँ और जिस राह पर तुझे चलना चाहिए उसी पर तुझे ले चलता हूँ।”
“सुखी हैं वे जिनमें परमेश्वर से मार्गदर्शन पाने की भूख है क्योंकि स्वर्ग का राज उन्हीं का है।”
“तुम अपने पड़ोसी से वैसे ही प्यार करना जैसे तुम खुद से करते हो।”
“ठीक जैसा तुम चाहते हो कि लोग तुम्हारे साथ करें, तुम भी उनके साथ वैसा ही करो।”
“सुखी हैं वे जो परमेश्वर का वचन सुनते हैं और उस पर चलते हैं!”
“चाहे इंसान के पास बहुत कुछ हो, तो भी उसकी दौलत उसे ज़िंदगी नहीं दे सकती।”
“इसलिए अगर हमारे पास खाने और पहनने को है, तो हमें उसी में संतोष करना चाहिए।”
“लेने से ज़्यादा खुशी देने में है।”