गीत 159
यहोवा की महिमा में नज़राना!
(भजन 96:8)
1. नूर से घिरा तू यहोवा,
बैठा जो आसमानों पे;
रात-दिन गवाही दे कायनात,
बयाँ तेरी शान ये करे!
मालिक तू पूरे जहान का,
धूल हूँ मैं सामने तेरे;
देखा मुझमें क्या, यहोवा,
जो तू मेहरबाँ है मुझ पे?
(कोरस)
ये नज़राना, यहोवा पेश करूँ!
तेरी तारीफ में गाऊँ!
परवरदिगार, सदा से बादशाह तू,
मैं इबादत तुझ को दूँ!
महिमा तेरी करूँ!
2. ज़िंदा अगर हूँ, यहोवा,
है बस रहम ये तेरा!
जीऊँ मैं तेरे लिए ही,
बखान करूँ तेरा सदा!
सेवा करूँ जब मैं तेरी
ऊँचा उठे सिर मेरा।
तेरी मंज़ूरी दे ताकत,
यहोवा, तू रोज़ राह दिखा!
(कोरस)
ये नज़राना, यहोवा पेश करूँ!
तेरी तारीफ में गाऊँ!
परवरदिगार, सदा से बादशाह तू,
मैं इबादत तुझ को दूँ!
महिमा तेरी करूँ!
3. कारीगरी तेरी शानदार,
सोच इस में तेरी दिखे!
खूबसूरत है हर नज़ारा,
ये हैरत में डाले मुझे!
प्यार से हर चीज़ है सजायी,
तूने ज़मीं पे ऐसे,
छोटी-बड़ी, बेज़ुबाँ भी,
याह, तेरी ही तारीफ करे!
(कोरस)
ये नज़राना, यहोवा पेश करूँ!
तेरी तारीफ में गाऊँ!
परवरदिगार, सदा से बादशाह तू,
मैं इबादत तुझ को दूँ!
महिमा तेरी करूँ!
(भज. 96:1-10; 148:3, 7 भी देखें।)