गीत 47
रोज़ करें बातें याह से
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1. याह से हम हर दिन दुआएँ करें,
है दिया उसने सम्-मान खास हमें।
तो यकीं करके बात दिल की कहें,
दोस्त हमारा वो समझता हमें।
रोज़ करें बातें याह से।
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2. याह ने दी साँसें, कहें शुक्रिया।
धूल ही तो हैं हम करते गलतियाँ।
याह रहमदिल है, वो माफी देगा,
हमने भी दूसरों को माफ जो किया।
रोज़ करें बातें याह से।
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3. लाख कहर टूटे, फिर भी ना डरें।
लें पनाह याह की और सब्र रखें।
साथ है यहोवा, तो हिम्-मत मिले।
वो ही पिता है, सँभाले हमें।
रोज़ करें बातें याह से।
(भज. 65:5; मत्ती 6:9-13; 26:41; लूका 18:1 भी देखें।)