गीत 146
तुमने मेरे लिए किया
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हैं म-सीह के भा-ई अ-भि-षिक्त जन य-हाँ,
भे-ड़ें दू-जी उन-के संग कर-तीं से-वा।
उन्-हें साथ और स-हा-रा
दे-तीं जिस त-रह,
सम-झे उन-की मेह-नत यी-शु इस त-रह:
(कोरस)
“उन्-हें हौस-ला दि-या, वो मुझ-को मि-ला,
उन-के संग जो कि-या, संग मे-रे कि-या।
जो मेह-नत तुम्-हा-री थी उन-के लि-ए,
वो मेह-नत सच में, थी मे-रे लि-ए;
कि-या उन-के लि-ए, था मे-रे लि-ए।”
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“मे-री बद-हा-ली में, दी थी रा-हत मु-झे,
हर ज़-रू-रत आ-कर की पू-री तुम-ने।”
“कि-या हम-ने कब ये?”
पू-छें-गे सब उस-से,
तब बाद-शाह ये प्यार से क-हे-गा उन-से:
(कोरस)
“उन्-हें हौस-ला दि-या, वो मुझ-को मि-ला,
उन-के संग जो कि-या, संग मे-रे कि-या।
जो मेह-नत तुम्-हा-री थी उन-के लि-ए,
वो मेह-नत सच में, थी मे-रे लि-ए;
कि-या उन-के लि-ए, था मे-रे लि-ए।”
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“व-फा-दा-री मुझ-से है नि-भा-यी तुम-ने,
मे-रे भाइ-यों के साथ सं-दे-शा दे-के।”
फिर वो दे-गा इ-नाम
यूँ कह-कर भे-ड़ों को:
“जुग-जुग जी-ओ, धर-ती के वा-रिस ब-नो!”
(कोरस)
“उन्-हें हौस-ला दि-या, वो मुझ-को मि-ला,
उन-के संग जो कि-या, संग मे-रे कि-या।
जो मेह-नत तुम्-हा-री थी उन-के लि-ए,
वो मेह-नत सच में, थी मे-रे लि-ए;
कि-या उन-के लि-ए, था मे-रे लि-ए।”
(नीति. 19:17; मत्ती 10:40-42; 2 तीमु. 1:16, 17 भी देखिए।)