गीत ३२
यहोवाला इमानी राहा!
१. हो-तो ज-गा-चे गु-ला-म जे-व्हा,
हो-त्या पा-यी बे-ड्या अ-ज्ञा-ना-च्या,
मु-क्त झा-लो ज्ञा-ना-ने स-त्या-च्या,
आ-नं-द-ले म-न हे!
(कोरस)
या-हा-ला इ-मा-नी रा-ह-ण्या झ-टा!
ना सो-डा-य-चा तो, लो-कां आ-प-ल्या.
शां-ती-ची सु-वा-र्ता, या, सां-गू स-र्वां,
रा-ही-ल या-हा-चे, रा-ज्य स-र्व-दा!
२. ह-र्षा-ने या-हा-ची से-वा क-रू,
चो-ही-क-डे बी स-त्या-चे पे-रू,
बां-ध-वां-सं-गे या-हा ना-वा-जू,
गा-ऊ त्या-चा म-हि-मा!
(कोरस)
या-हा-ला इ-मा-नी रा-ह-ण्या झ-टा!
ना सो-डा-य-चा तो, लो-कां आ-प-ल्या.
शां-ती-ची सु-वा-र्ता, या, सां-गू स-र्वां,
रा-ही-ल या-हा-चे, रा-ज्य स-र्व-दा!
३. का थर-थ-रा-वे वै-ऱ्यां पा-हु-नी?
रा-हू या-हा-व-री वि-सं-बु-नी.
चा-ले जो हा-त त्या-चा ध-रु-नी,
त्या-ला को-णा-ची भी-ती?
(कोरस)
या-हा-ला इ-मा-नी रा-ह-ण्या झ-टा!
ना सो-डा-य-चा तो, लो-कां आ-प-ल्या.
शां-ती-ची सु-वा-र्ता, या, सां-गू स-र्वां,
रा-ही-ल या-हा-चे, रा-ज्य स-र्व-दा!
(स्तो. ९४:१४; नीति. ३:५, ६; इब्री १३:५ ही वचनंसुद्धा पाहा.)